जेल में बंद कैदी बैठा भूखहड़ताल पर, जेल प्रशासन ने नकारे आरोप
जयपुर। 21 मई 2024 (न्याय स्तंभ) जयपुर की सेंट्रल जेल में बंद एक कैदी को बंधी नहीं देना भारी पड़ गया। बंधी नहीं देने पर जेल प्रशासन ने उसे प्रताडित करना शुरू कर दिया। इससे परेशान होकर कैदी ने न्यायालय में गुहार लगाई है। जयपुर सेंट्रल जेल में बंदियों को सुविधाएं देने के बदले रुपए वसूलने के मामले में पहले भी कई बार सामने आ चुके है,लेकिन इस बंधी के खेल पर अभी तक लगाम नहीं लग पाई है। न्यायालय से गुहार के साथ ही बंदी ने अब जेल प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए भूख हड़ताल शुरू कर दी है।
दरअसल जयपुर निवासी तोफिक अली पिछले तीन साल से एनडीपीएस के मामले में जयपुर की सेंट्रल जेल में बंद है। 11 मई को जब तोफिक को जेल से न्यायालय में पेशी पर लाया गया तो उसने अपने वकील के जरिए न्यायालय में गुहार लगाई की सेंट्रल जेल के जेलर हेमराज वेष्णव से जेल में सुविधाएं देने के नाम पर 2 लाख रुपए की मांग की जा रही है। उसने न्यायालय को दिए पत्र में कहा कि जेलर उसे प्रताड़ित करते हुए कह रहे हैं कि आप धनी व्यक्ति हो इसलिए आप मुझे 2 लाख रुपए दोगे तो ही मैं स्वतंत्र रहने दूंगा नहीं तो सेल में डाल दूंगा। उसने न्यायालय में कहा कि जब उसने जेलर की डिमांड पूरी नहीं की तो उसे और एक अन्य कैदी को सेल में डाल दिया गया। तोफिक ने कहा कि तब से ही वह बहुत डरा हुआ है। उसने आरोप लगाया कि उसे तब से लेकर अब तक सेल से बाहर नहीं निकाला गया है। इस डर के कारण ही तोफीक ने कहा था कि वह भूख हड़ताल पर बैठ जाएगा।
जेल से रिहा हुए एक कैदी ने तौफिक के भाई को दी सूचना
जेल में बंद कैदी के भाई जाकिर हुसैन ने बताया कि न्यायालय में लिखे पत्र के बाद वह और उसका परिवार सदमे में आ गया। दूसरे दिन जब वह वहां गया तो उसे अपने भाई से मिलने नहीं दिया गया। उससे कहा गया कि तोफिक को परिवारजनों से मिलने पर रोक है। उसी दिन रात को सेंट्रल जेल से एक बंदी रिहा हुआ तो उसका जाकिर के पास फोन आया कि तुम्हारे भाई को सेल में बंद रखा गया है और उसने वहां भूख हड़ताल शुरू कर दी है। इस पर जाकिर ने भी 16 मई को अपने भाई के साथ किए जा रहे दुव्यर्वहार को लेकर न्यायालय की शरण ली । उसने बताया कि उसी दिन कोर्ट ने जेलर हेमराज वैष्णव से वीसी पर बात करते हुए कहा कि कैदी के साथ क्रुरता का व्यवहार नहीं किया जाने की हिदायत दी है। लेकिन उस बात को भी 5 दिन हो गए हमारा तोफिक से अभी तक संपर्क नहीं हो पाया है।
10 दिन से नहीं आया फोन, केंटीन से भी नहीं कट रहा पैसा
जाकिर ने बताया कि तौफिक का 10 दिन से कोई फोन हमारे पास नहीं आया है। हम परिवार वालों को उसकी कोई खबर नहीं है कि उसके क्या हालत है। उन्होंने बताया कि ना ही बंदी के लिए कैंटीन में जमा किए 2 हजार रुपए में से एक भी पैसा पिछले 10 दिनों से नहीं कटा है। जाकिर का कहना है कि इतनी भीषण गर्मी में अगर उसे सेल में बंद किया गया है तो वह कैसे रह रहा होगा। अगर उसने भूख हड़ताल कर रखी है तो वह जीवित भी है या नहीं क्योंकि पिछले 10 दिन से उससे बात ही नहीं हो पाई है।
जेल प्रशासन ने सिरे से नकारी भूख हड़ताल की बात
इस मामले को लेकर जेल प्रशासन के उच्चाधिकारी जेलर का बचाव करते नजर आ रहे हैं। जयपुर जेल के सुपरिंटेंडेंट की माने तो कैदी का व्यवहार बहुत खराब है और इसीलिए उसको जेल मैन्युअल के तहत दंडित किया गया है। वहीं जेल प्रशासन के अधिकारियों ने कैदी के अनशन पर होने की बात को सिरे से खारिज कर दिया। जेल सुपरिंटेंडेंट राकेश मोहन शर्मा ने कहा कि 15 दिन के दंड के बाद उसे सामान्य सेल में शिफ्ट कर दिया जाएगा।