डॉक्टर छुट्टी पर है बीमार होना मना है !

102

मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र में ही स्वास्थ्य व्यवस्था बेहाल

भांकरोटा पीएचसी पर 2 डॉक्टर की पोस्ट लेकिन ड्यूटी पर एक वो भी छुट्टी पर

ड्यूटी पर तैनात फार्मासिस्ट छीनने लगा मोबाइल

जयपुर। 29 नवंबर 2024 (न्याय स्तंभ)। प्रदेश की भजनलाल सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था सुधारने के बड़े-बड़े वादे कर रही है। वहीं स्वास्थ्य विभाग सरकार की मंशा पर ही कालिख पोतने में लगा है। मामला भांकरोटा स्थित पीएचसी का जहां 2 डॉक्टर के पोस्ट होने के बावजूद एक ही डॉक्टर से काम चल रहा है। वहीं वहां पदस्थापित डॉक्टर भी चला जाए तो मरीजों की जान भगवान भरोसे रहती है।

मरीजों की लंबी कतार लेकिन डॉक्टर छुट्टी पर
भांकरोटा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर जब हमने जाकर देखा तो वहां मरीजों की लंबी कतार लगी थी। वहां खड़े सभी लोग रजिस्ट्रेशन स्लीप कटवा कर अपनी बारी के इंतजार कर रहे थे। लेकिन उनको नहीं पता था कि आज वहां लगे डॉक्टर साहब छुट्टी पर हैं। वहीं दूसरी और मरीजों का दर्द समझ कर वहां तैनात नर्सिंग स्टाफ मरीजों को स्वास्थ्य लाभ देने में लगा हुआ था। लेकिन अब यहां सवाल ये उठता है कि जब नर्सिंग स्टाफ से ही काम चल रहा है तो फिर डॉक्टर की क्या जरूरत।

सीएमएचओ ने जिम्मेदारी से झाड़ा पल्ला
जब हमने भांकरोटा पीएचसी की समस्या को लेकर सीएमएचओ हंसराज बधालिया को फ़ोन किया तो उन्होंने यह कर अपना पल्ला झाड़ लिया कि यहां एक डॉक्टर की ड्यूटी लगी है अगर वो भी छुट्टी पर चला जाता है तो उसमें हम क्या कर सकते हैं। उनका ये भी कहना था कि इस समस्या का हल हमारे पास नहीं ये सब निदेशक स्तर से ही प्रस्तावित है।
जब ट्रांसफर होंगे तब लगाया जाएगा दूसरा डॉक्टर
बीसीएमएचओ एस एस दायमा बोल रहे दो पोस्ट लेकिन जब ट्रांसफर होंगे तब यहां दूसरे डॉक्टर को लगाया जाएगा। हालांकि उन्होंने ये भी बोला कि हम कुछ व्यवस्था करवाते हैं।

बुजुर्ग मरीज हो रहे परेशान
भांकरोटा पीएचसी पर दूर-दूर से लोग इलाज के लिए आते हैं। वहीं बुजुर्ग लोग भी अपनी बीमारी का इलाज करवाने आते है लेकिन उनको जब पता चलता है कि यहां डॉक्टर ही नहीं है तो उनको उल्टे पांव अपने घर लौटना पड़ता है। और दूसरे दिन डॉक्टर के आने के इंतजार मैं फिर से सुबह वही लाइन में खड़े हो जाते हैं। वहां खड़े एक बुजुर्ग ने तो यहां तक कह दिया कि भजनलाल सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर बड़ी बड़ी बात करती है लेकिन यहां डॉक्टर ही नहीं है।

ड्यूटी पर तैनात फार्मासिस्ट छीनने लगा मोबाइल

जब हमारी टीम स्वास्थ्य केंद्र की अव्यवस्थाओं को लेकर वहां खड़े लोगों से उनकी राय जानने लगी तो वहां खड़े स्वास्थ्य केंद्र में लगे एक फार्मासिस्ट ने मोबाइल छीनने की कोशिश की। जब हमने इसका विरोध किया तो किसी आर्डर का हवाला देते हुए धमकाने लगा। जब हमने उस व्यक्ति का नाम पूंछना चाहा तो उसने नाम बताने से भी इंकार कर दिया।

अब उठ रहा बड़ा सवाल
अब यहां एक बड़ा सवाल ये उठ रहा है कि जब सरकार की मंशा हर मरीज तक सस्ता और सुलभ इलाज़ पहुंचे वहीं दूसरी और स्वास्थ्य विभाग के स्वास्थ्य केंद्र डॉक्टरों के अभाव में सूने पड़े हैं। जब शहरी क्षेत्र के स्वास्थ्य केंद्रों के ये हाल है तो ग्रामीण इलाकों के हाल का अंदाजा लगाना आसान है।



न्याय की अवधारणा को सशक्त बनाने हेतु समाचार पत्र न्याय स्तम्भ के माध्यम से एक अभियान चलाया जा रहा है। आइए अन्याय और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने के लिए आप भी हमारा साथ दीजिये। संपर्क करें-8384900113


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *