मंत्री गोविंदराम मेघवाल के बयान पर बीजेपी का पलटवार

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जयपुर 06 मई 2023 (न्याय स्तंभ) राजस्थान सरकार में आपदा एंव राहत मंत्री गोविंदराम मेघवाल ने तुष्टीकरण की राजनीती को एक बार फिर से बल दिया है। हिंदु आस्था पर हमला करते हुए उन्होने बजरंग दल और उसमें काम करने वाले हजारों कार्यकर्ताओं को अपराधी प्रवृती का बता उनके खिलाफ कार्रवाई की बात कही है। मंत्री मेघवाल यहीं नहीं रूके उन्होने युवाओं पर आरोप लगाते हुए कहा कि श्रीराम का नारा लगाकर बजरंग दल के कार्यकर्ता बडे से बडा अपराध कर रहे हैं।

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने गहलोत सरकार के मंत्री गोविंदराम मेघवाल सहित कांग्रेस नेताओं द्वारा दिए जाने वाले इन बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस पार्टी की विचारधारा को सदैव से हिंदु विरोधी और मुस्लिम तुष्टिकरण की पोषक बताया। उन्होंने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने शुरूआती समय से ही खुद के हिंदु विरोधी मानसिकता का परिचय दे दिया था।

उन्होंने पूर्व की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार हमेशा भगवान राम और हिंदु आस्था विरोधी रही है। कांग्रेस नेताओं द्वारा राम मंदिर निर्माण में लगाई गई अड़चनों एंव रामसेतु को तोडने वाले बयान भी याद दिलाए।

सीपी जोशी ने कहा कि प्रदेश की गहलोत सरकार के मौजूदा शासन में हिंदु आस्था से खिलवाड़ के ऐसे अनेकों मामले सामने आए हैं,जिनमें आबू में हनुमान मंदिर तोडने और विरोध जताने पर कार्यकर्ताओं पर लाठी चार्ज कर जेल भेजना शामिल है। वहीं चुरू के राजगढ में भगवान शिव का मंदिर तोड़ने सहित राजसमंद के देवगढ़ में पुजारी दंपत्ती को जिंदा जलाने जैसी विभत्स घटनाएं गहलोत सरकार के राज में हुई हैं ।

जोशी ने कहा कि रामनवमी और चैत्र संवंत में आने वाले हिंदु नववर्ष के अवसर पर करौली,भीलवाडा और जोधपुर सहित टोंक में निकले जूलूस और रैलियों पर पथराव,भरतपुर में संत विजयदास की आत्महत्या जमवारामढ में पथराव सहित सालासर में रामदरबार तोड़ने की घटनाएं गहलोत सरकार के मुस्लिम तुष्टिकरण का साफ संदेश है। कर्नाटक विधानसभा चुनाव के कांग्रेसी घोषणा पत्र में बजरंग दल की तुलना पीएफआई से करने और बजरंग बली का जयकारा लगाने वाले राष्ट्रभक्त कार्यकर्ताओं को सरकार के मंत्री द्वारा अपराधी बताने जैसे बयान हिंदु भावनाओं को आहत करने वाला बताया तथा इससे पता चलता है कि कांग्रेस की विचारधारा ऊपर से नीचे तक हिंदु विराधी है। प्रदेश की गहलोत सरकार द्वारा इन साढे चार साल में सरकार द्वारा हिंदु भावनाओं को कुचलने का जो प्रयास किया है,यह गहलोत सरकार के पतन के साथ सरकार के ताबूत की आखिरी कील साबित होगी।



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