BREAKING NEWS
Search

राजस्थान विधान सभा में सामूहिक योग 16 जून को

27

जयपुर, 13 जून 2025 (न्याय स्तंभ) । राजस्थान विधान सभा में सोमवार को सुबह 6:00 बजे सामूहिक योग का आयोजन होगा। राजस्थान विधान सभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी के सानिध्य में विधायकगण, विधान सभा के अधिकारी और कर्मचारी योग आसन करेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के योग दिवस को 100 दिन पूर्व से मनाये जाने के आव्हान पर राजस्थान विधान सभा में सामूहिक योगाभ्यास का आयोजन किया जा रहा है ताकि जन सामान्य में जागृति पैदा हो सके। देवनानी ने कहा कि योग सनातन की महान विरासत है। इसे जन-जन का एक अभिन्न अंग बनाने के लिये लोगों को योग के प्रति जागरूक करना होगा। विधान सभा अध्यक्ष देवनानी ने बताया कि इण्डियन योगा एसोसिएशन और क्रीडा भारती के सहयोग से राजस्थान विधान सभा के उत्तरी द्वार के समीप सामूहिक योग का आयोजन होगा। उन्होंने बताया‍ कि इस योग कार्यक्रम में अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के योग प्रोटोकॉल के अनुरूप आसन, प्राणायाम और ध्यान कराया जायेगा। देवनानी ने कहा कि योग, दुनिया के लिए भारत की देन है। 11 दिसम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र के 177 सदस्यों द्वारा 21 जून को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस’ को मनाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली थी। वर्तमान में 193 सदस्य देशों में योग दिवस मनाया जाता है। श्री देवनानी ने बताया कि अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस की स्थापना के लिए भारत द्वारा तैयार किये गये प्रस्ताव में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अपने सम्बोधन में कहा था कि योग हमारी प्राचीन परम्परा का एक अमूल्य‍ उपहार है।

देवनानी ने बताया कि इस वर्ष एक पृथ्वी एक स्‍वास्‍थ्‍य के लिए योग विषय पर ग्यारहवां अन्त‍र्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। योग भारत के लोगों द्वारा शुरू किया जाने वाला शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक अभ्यास है, जिसे अब दुनियाभर में मनाया जा रहा है। योग केवल व्यायाम ही नहीं बल्कि यह स्वयं, दुनिया और प्रकृति के साथ एकता की भावना को खोजने का एक तरीका है। उन्होंने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस एक ऐसा उत्सव है जो प्रत्येक व्यक्ति की भागीदारी को महत्व देता है। इसका लक्ष्य योग को एक व्यापक आन्दोलन में बदलना है जो वैश्विक स्वास्‍थ्‍य और शान्ति को बढावा देता है। उन्होंने कहा कि सभी मिल-जुलकर स्वस्थ भारत की रचना करें। शरीर, मन और मस्तिष्क स्वस्थ रहेंगे तब ही राष्ट्र की उन्नति होगी। राष्ट्र को स्वस्थ बनाने के लिए योग, यज्ञ और संतुलित आहार को आचरण में लाना होगा। भारत विश्व गुरु है। भारत की परम्पराएं समृद्ध है। सांस्कृतिक, आध्याकत्मिक और वैज्ञानिक दृष्टि से यह राष्ट्र समृद्ध है। निरोगी राष्ट्र बनाने के लिए योग को जीवन का अंग बनाना होगा। योग स्वास्‍थ्‍य के लिए आवश्यक है। इस मशीनी युग में बदलती जीवन शैली के लिए योग की आवश्यकता बढती जा रही है।



न्याय की अवधारणा को सशक्त बनाने हेतु समाचार पत्र न्याय स्तम्भ के माध्यम से एक अभियान चलाया जा रहा है। आइए अन्याय और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने के लिए आप भी हमारा साथ दीजिये। संपर्क करें-8384900113


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *