SMS अस्पताल में डॉक्टर्स के बने तीन धड़े
कोई किसी का ट्रांसफर तो कोई शिकायतें करने में लगा
अस्पताल प्रशासन की अंदरूनी गुटबाजी से सीएम भी परेशान
मतीष पारीक
जयपुर। 17 सिंतबर 2024। (न्याय स्तंभ )प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल और कॉलेज में मुखिया बनने के लिए कई बड़े डॉक्टर्स ने लॉबिंग शुरू कर दी है। इस पद को पाने के लिए सभी आवेदक डॉक्टर्स अपने अपने तरीके जुगाड़ लगाने में जुट गए हैं। एक बड़ी महिला डॉक्टर भी पूरे दम-खम से मैदान में डटी हुई है। वहीं वर्तमान अधीक्षक और प्राचार्य डॉ दीपक माहेश्वरी भी दुबारा से इस पद पर बने रहना चाहते हैं। उन्होंने भी अपने प्रयास करना शुरू कर दिया है।
SMS अस्पताल में प्रशासनिक गुटबाजी से सीएम भी परेशान
कहा जाता है कि प्यार और जंग में सब जायज है लेकिन उसका समय और स्थान भी जायज होना चाहिए। इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि सरकारी हो या निजी दफ्तर सभी जगह गुटबाजी और अपने नंबर बढ़ाने की दौड़ चलती है। लेकिन धरती के भगवान भी अच्छा पड़ पाने और sms अस्पताल में टिके रहने के लिए गुटबाजी करते हैं और रणनीति बनाते हैं। सूत्रों की माने तो सवाई मानसिंह अस्पताल में अभी कई गट बने हुए हैं जो अपने लोगों को मुखिया की सीट पर पहुंचाने के लिए मशक्कत कर रहे हैं। वहीं कुछ बड़े डॉक्टर्स वर्तमान अधिकारियों को sms अस्पताल से बाहर करने का प्रयास कर रहे हैं। इसी गुटबाजी के चलते एक उपाधीक्षक को तो sms से बाहर का रास्ता भी देखने को मिल गया था। लेकिन अपने राजनीतिक रसूखात के चलते वे वापस से sms अस्पताल के मुख्य द्वार पर आ बैठे। अब अस्पताल के प्रशासनिक अधिकारी एक दूसरे को सवाई मानसिंह अस्पताल से बाहर करने के लिए कई तरह के हतकण्डे अपना रहे हैं। अब कौन सफल हो पायेगा कौन नहीं ये तो सब समय ही बताएगा।
संघ और सीएम के करीबी माने जाते हैं डॉ दीपक माहेश्वरी
डॉक्टर को धरती का भगवान कहा जाता है जिसकी कोई विचारधारा या पार्टी नहीं होती है। वह निस्वार्थ और बिना किसी लोभ-लालच के सभी मरीजों की सेवा करता है। लेकिन यहां दौड़ जब मुखिया की है तो सभी अपनी रणनीति और पैंतरे अपनाने की सभी लोग कोशिश करते हैं। सूत्रों के अनुसार डॉ दीपक माहेश्वरी संघ और भाजपा नेताओं के करीबी माने जाते हैं वहीं उनका पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, अशोक गहलोत और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से भी नजदीकी रिश्ता है। मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान में भी उनको अधीक्षक और प्राचार्य बनाने में संघ के एक बड़े पदाधिकारी और भाजपा नेताओं का सहयोग रहा है। अब फिर से माहेश्वरी अपनी उन्हीं सिफारिशों के दम पर वापस नियुक्ति पाने का प्रयास कर रहे हैं। जबकि सामने आया है कि वे कुछ समय पहले sms अस्पताल से इस्तीफा भी दे चुके थे और उनका इस्तीफा मंजूर भी कर लिया गया था। लेकिन कुछ सालों बाद उनके मन मे फिर से sms अस्पताल में सेवाएं देने का विचार आया तो सरकार ने उन्हें डॉक्टर्स की कमी का हवाला देते हुए वापस सरकारी डॉक्टर बना दिया। अब उनके ऊंचे रसूखात का पता तो इसी बात से लगाया जा सकता है की उन्होंने सरकारी सेवा से त्यागपत्र दिया लेकिन जब फिर से सरकारी सेवा में आने का मन किया वो आ गए।
इन बड़े डॉक्टर्स ने किया है आवेदन
जानकारी के अनुसार न्यूरोलॉजी डिपार्टमेंट की सीनियर प्रोफेसर और एचओडी डॉ. भावना शर्मा ने सवाई मानसिंह हॉस्पिटल के अधीक्षक और प्रिंसिपल दोनों पदों के लिए आवेदन किया है। वहीं अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ.अनुराग धाकड़ ने भी दोनों पदों के लिए आवेदन किया है। धाकड़ वर्तमान में ट्रोमा सेंटर के इंचार्ज है। प्रिसिंपल पद के लिए यूरोलॉजी डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ. शिवम प्रियदर्शी, नेफ्रोलॉजी डिपार्टमेंट के सीनियर प्रोफेसर डॉ. विनय मल्होत्रा, मौजूदा कार्यवाहक प्रिंसिपल डॉ. दीपक माहेश्वरी, इमरजेंसी में इंचार्ज डॉ. बीपी मीणा ने भी प्रिंसिपल पद के लिए आवेदन किया है। इनमें मीणा और मल्होत्रा ने तो दोनों पदों के लिए आवेदन किया है।