अफसरशाही की खुली मिलीभगत से चल रहा जमीनाें पर कब्जे का खेल
जयपुर।16 जून 2025 (न्याय स्तंभ) । राजधानी जयपुर में भूमाफियाओं का दुस्साहस इस कदर बढ़ गया है कि अब वे सरकारी जमीन पर भी बेखौफ कब्जा कर कॉलोनियां बसा रहे हैं। और हैरानी की बात ये है कि सारा खेल प्रशासन और जिम्मेदार अधिकारियों की शह और संरक्षण में चल रहा है। दिल्ली रोड स्थित सागर हाउस के पीछे, काबुली वाले बाबा की दरगाह के पास और देवनारायण मंदिर के नीचे खसरा नंबर 314/1 की जमीन पर अवैध प्लॉटिंग और निर्माण जोरों पर है।
इस जमीन का रिकॉर्ड साफ तौर पर दर्शाता है कि ये राज्य सरकार और जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) की अधिसूचित संपत्ति है। बावजूद इसके यहां दिन-दहाड़े सड़कों की कटिंग, प्लॉटों की पैमाइश और बेधड़क निर्माण कार्य किया जा रहा है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि सरकारी अफसर मोटी कमाई के लालच में भूमाफियाओं की गोद में बैठ चुके हैं। वरना जयपुर जैसे हाई सिक्योरिटी जोन में बिना सरकारी मिलीभगत के कोई इतने बड़े स्तर पर कब्जा करने की हिम्मत नहीं कर सकता।
सवाल ये उठता है कि आखिर जेडीए और जिला प्रशासन क्यों मौन है? क्या उन्होंने भूमाफियाओं के आगे घुटने टेक दिए हैं या फिर मोटे कमीशन की खातिर जनता की जमीन बेच खाने का ठेका ले लिया है? हालात ऐसे हैं कि अफसर अपनी जिम्मेदारियां भूलकर सिर्फ भूखंडों की दलाली में लगे हुए हैं।
स्थानीय नागरिकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस मामले को बड़ा सरकारी घोटाला करार देते हुए उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। लोगों का साफ कहना है कि अगर समय रहते इस जमीन को खाली नहीं कराया गया और जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो आने वाले वक्त में जयपुर को एक और बड़ा जमीन घोटाले का कलंक झेलना पड़ेगा।
जानकारों का मानना है कि यह कोई मामूली अवैध कब्जा नहीं, बल्कि प्रशासन और भूमाफियाओं की सोची-समझी मिलीभगत का गंदा खेल है। सूत्रों के मुताबिक, कई बड़े अफसरों और नेताओं के रिश्तेदार इन प्लॉटों की खरीद-फरोख्त में भी शामिल हैं।
अब देखना होगा कि प्रशासन इस पर बुलडोजर चलाता है या फिर भूमाफियाओं से मिलीभगत कर सरकारी जमीनों की बंदरबाट देखता रहता है।
न्याय स्तंभ इस पूरे मामले की परतें जल्द खोलेगा — पुख्ता सबूतों के साथ, सरकारी जमीन की लूट अब और बर्दाश्त नहीं।।