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BJP सरकार ने 25 योजनाओं को महापुरुषों के नाम पर रीब्रांडिंग कर किया पेश, लेकिन जमीनी हकीकत पर कब देगी ध्यान?

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जयपुर, 9 अक्टूबर 2025 (न्याय स्तंभ)। राजस्थान में योजनाओं के नाम बदलने की राजनीति एक बार फिर सुर्खियों में है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सरकार ने सत्ता में आने के बाद पिछली कांग्रेस सरकार की 25 प्रमुख योजनाओं के नाम और प्रारूप बदल दिए हैं। दावा किया जा रहा है कि यह कदम “राजनीतिक छाप मिटाने” और “जनता से सीधा जुड़ाव” बढ़ाने के लिए उठाया गया है।
बड़ा सवाल—क्या सिर्फ नाम बदलने से आमजन की तकलीफ़ें कम होंगी?
सरकार ने इंदिरा और राजीव गांधी से जुड़ी योजनाओं को पन्नाधाय, कालीबाई और स्वामी विवेकानंद जैसे महापुरुषों के नाम से जोड़ दिया है। मसलन, इंदिरा रसोई अब “अन्नपूर्णा रसोई”, चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा अब “मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना”, और राजीव गांधी स्कॉलरशिप अब “स्वामी विवेकानंद स्कॉलरशिप” बन गई है। लेकिन ज़मीनी हकीकत यही है कि नाम बदलने के बावजूद प्रक्रिया उतनी ही जटिल बनी हुई है। लाभार्थियों को अब भी पोर्टल की खामियों, दस्तावेज़ों की दिक्कतों और विभागीय देरी से जूझना पड़ रहा है।
कई योजनाओं में तो पुरानी समस्याएं जस की तस है। जैसे राशि समय पर नहीं मिलना और पात्रता की उलझनों के चलते जनता के काम नहीं हो पा रहे। वही सरकार का शिकायत निवारण तंत्र भी फेल साबित हो रहा है। क्योंकि जनता की बहुत सारी शिकायतें पेंडिंग पड़ी है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि नामकरण से सरकार की छवि तो बदली है, लेकिन जनता के जीवन में सुधार के संकेत नहीं दिख रहे। एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने तो यहां तक कहा कि जब तक फील्ड लेवल पर काम नहीं सुधरेगा और लाभार्थियों तक सुविधाएं समय पर नहीं पहुंचेंगी, तब तक नाम बदलना सिर्फ काग़ज़ी बदलाव रहेगा।”
जनता की राय भी जानने के बाद भी यही बात सामने आई कि नाम कोई भी रखो, हमें तो बस राहत चाहिए।
बदले गए कुछ प्रमुख योजनाओं के नाम

इसी क्रम में शिक्षा सेतु योजना अब कालीबाई महिला शिक्षा सेतु योजना, इंदिरा महिला एवं बाल विकास शोध संस्थान योजना अब कालीबाई बाल विकास शोध संस्थान योजना, नंदन कानन योजना अब एक पेड़ मां के नाम योजना, और मुख्यमंत्री चिरंजीवी जीवन रक्षा योजना अब मुख्यमंत्री आयुष्मान जीवन रक्षा योजना बन गई है। इसके अलावा जनता क्लिनिक का नाम शहरी आरोग्य आयुष्मान मंदिर, राजीव गांधी कृषक साथी सहायता योजना का नाम मुख्यमंत्री कृषक साथी सहायता योजना, इंदिरा गांधी गैस सब्सिडी योजना का नाम मुख्यमंत्री गैस सब्सिडी योजना, और कामधेनु पशु बीमा योजना का नाम मुख्यमंत्री पशु बीमा योजना कर दिया गया है।

यह भी चर्चा में है कि दो बड़ी योजनाएं—इंदिरा गांधी स्मार्टफोन योजना और राजीव गांधी युवा मित्र कार्यक्रम—को पूरी तरह बंद कर दिया गया है, जिससे हज़ारों महिलाओं और युवाओं को तत्काल प्रभाव से नुकसान हुआ है



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