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NGT की काटली नदी पर अतिक्रमण को लेकर राजस्थान सरकार को कड़ी फटकार, चार हफ्ते का दिया अल्टीमेटम

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झुंझुनूं, 9 अक्टूबर 2025 (न्याय स्तंभ)। शेखावाटी की जीवनधारा कही जाने वाली काटली नदी को अतिक्रमणों से मुक्त कराने के लिए राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने राजस्थान सरकार को बड़ा आदेश दिया है। एनजीटी की भोपाल पीठ ने निर्देश दिया है कि चार सप्ताह के भीतर नदी से सभी अतिक्रमण हटाकर पालन रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।
यह आदेश सरस्वती रूरल एंड अर्बन डेवलपमेंट सोसाइटी द्वारा चलाए जा रहे ‘काटली नदी बचाओ जन अभियान’ के संयोजक सुभाष कश्यप की पहल पर पारित हुआ। कश्यप ने बताया कि यह मामला निष्पादन याचिका संख्या 03/2025 (मूल आवेदन संख्या 59/2024, अमित कुमार व अन्य बनाम राजस्थान राज्य व अन्य) के रूप में एनजीटी की भोपाल पीठ के न्यायाधीश शिव कुमार सिंह एवं सदस्य सुधीर कुमार चतुर्वेदी की बेंच में सुना गया।
एनजीटी ने स्पष्ट किया है कि राजस्थान सरकार चार सप्ताह में अतिक्रमण हटाकर रिपोर्ट पेश करे, जिसके बाद अगली सुनवाई 15 दिसंबर 2025 को होगी।
सुभाष कश्यप ने बताया कि काटली नदी पर झुंझुनूं जिले में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हुए हैं। उन्होंने ड्रोन फ़ोटो के माध्यम से स्थानीय प्रशासन की लापरवाही के सबूत पेश किए और आरोप लगाया कि केवल कुछ अतिक्रमणों को ही सूचीबद्ध कर एनजीटी को रिपोर्ट भेजी गई है, जो अधूरी है।
उन्होंने मांग की है कि सभी अतिक्रमणों की पूरी सूची तैयार कर उन्हें हटाया जाए, साथ ही लापरवाही बरतने वाले राजस्व अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाए।
कश्यप ने कहा कि यह फैसला न केवल काटली नदी बल्कि पूरे शेखावाटी क्षेत्र की जलधाराओं को बचाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम साबित होगा।



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