जयपुर। 14 जून 2025(न्याय स्तंभ) नगर निगम में सफाई कर्मचारी यूनियन के चुनाव को लेकर एक बार फिर सियासी सरगर्मी तेज़ हो गई है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल अब भी वहीं अटका है — क्या आपराधिक छवि वाले दागी प्रत्याशियों को भी चुनाव लड़ने की खुली छूट दी जाएगी?
सूत्रों की मानें तो यूनियन चुनाव के लिए नगर निगम और जिम्मेदार अधिकारियों की कई बैठकें प्रस्तावित हैं। लेकिन हैरानी की बात यह है कि अब तक किसी भी बैठक में यह मुद्दा तक नहीं उठा कि जिन प्रत्याशियों पर गंभीर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं, या जिनके खिलाफ कोर्ट में आरोप तक सिद्ध हो चुके हैं, उन्हें चुनाव लड़ने से रोका जाए।
प्रशासन की अनदेखी, सरकार की चुप्पी
नगर निगम प्रशासन और सरकार के स्तर पर इस संवेदनशील मुद्दे को लेकर अब तक कोई स्पष्ट गाइडलाइन जारी नहीं की गई है। जबकि यूनियन के कई प्रत्याशियों पर मारपीट, सरकारी कार्य में बाधा, अवैध वसूली और अन्य गंभीर धाराओं में केस दर्ज हैं। इसके बावजूद ऐसे उम्मीदवार चुनावी प्रक्रिया में शामिल होने को तैयार बैठे हैं।
चुनाव की तारीख तय करने की कवायद, लेकिन दागी प्रत्याशियों पर चुप्पी
अंदरखाने चल रही जानकारी के अनुसार, नगर निगम चुनाव अधिकारी और यूनियन प्रतिनिधियों के बीच जल्द ही चुनाव की तारीख तय करने को लेकर बैठक बुलाई जाएगी। मगर हैरत की बात ये है कि इस बैठक के एजेंडे में भी दागी उम्मीदवारों की चुनावी पात्रता को लेकर कोई चर्चा नहीं है।
सवाल उठना लाज़मी
शहर की सफाई व्यवस्था की जिम्मेदारी संभालने वाली यूनियन के पदाधिकारियों के चुनाव में यदि ऐसे लोग चुनकर आएंगे जिन पर खुद कानून तोड़ने के आरोप हों, तो इससे निगम की साख और कर्मचारियों की छवि को भी गहरा धक्का लगेगा।
कर्मचारियों में भी नाराज़गी
सफाई कर्मचारी यूनियन से जुड़े कई कर्मचारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि वे नहीं चाहते कि कोई आपराधिक पृष्ठभूमि वाला व्यक्ति उनकी यूनियन का प्रतिनिधि बने। इससे यूनियन की गरिमा पर सवाल उठेंगे और प्रशासनिक स्तर पर भी समस्याएं बढ़ेंगी।
अब देखना ये होगा कि क्या नगर निगम और सरकार इस गंभीर मुद्दे पर कोई सख्त कदम उठाएगी या फिर दागियों को चुनावी मैदान में उतरने की खुली छूट मिलती रहेगी।