वार्ड 65, 66, 67 की कॉलोनियों के वाशिंदे लगा रहे जनप्रतिनिधियों से गुहार
मेयर वीआईपी इलाकों में सफाई करवा लूट रही वाह वाही
जयपुर। 27 अक्टूबर 2024(न्याय स्तंभ) शहर में स्वच्छता सर्वेक्षण की तैयारी जोर शोर से चल रही है। करोड़ों का बजट स्वच्छता अभियान के नाम पर स्वाहा किया जा रहा है । लेकिन प्रधानमंत्री मोदी की महत्वाकांक्षी योजना स्वच्छ भारत मिशन को पलीता लगाने में ग्रेटर निगम की महापौर सौम्या गुर्जर कोई कमी नहीं छोड़ रही है। निगम के स्वच्छता के लिए आए हुए बजट को अपनी छवि चमकाने के लिए कई सारे इतर कार्यक्रम कर फूंक रही है। ये हम नहीं कह रहे उनके ही साथी पार्षद जो शहर की सरकार के अंग है उनका कहना है।
शहरी इलाके साफ, बाहरी इलाकों में गंदगी
ग्रेटर निगम में शहरी इलाकों से ज्यादा बाहरी इलाके आते हैं । लेकिन निगम की लापरवाही का आलम ये है कि उन इलाकों में प्रॉपर तरीके से सफाई ही नहीं करवाई जाती। कर्मचारी और संसाधनों का हवाला देकर जनता को बेवकूफ बना दिया जाता है। बाहरी कॉलोनी के लोगों ने कई बार इसकी शिकायत आयुक्त रुक्मिणी रियाड़ और मेयर सौम्या गुर्जर से भी की लेकिन बस आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला।
अजमेर रोड पर 200 फीट के बाद चारों तरफ गंदगी के ढ़ेर
ग्रेटर नगर निगम एक तरफ तो सफाई के लिए जागरूकता फैलाने का काम कर रहा है। वहीं शहर की सफाई व्यवस्था दीवाली के टाइम भी चौपट हुई पड़ी है। अब कौन क्या कर सकता है क्योंकि जब जनप्रतिनिधी ही ध्यान नहीं देंगे तो अधिकारियों से तो क्या शिकायत कर सकते हैं। अजमेर रोड पर 200 फीट चौराहे के आगे भांकरोटा तक कि सारी कॉलोनियों के वाशिंदे निगम की बाहरी कॉलोनियों की इस बेरुखी से हैरान परेशान है लेकिन वे केवल शिकायतें ही कर सकते हैं । समाधान करना तो सरकार के हाथ मे हैं।
दीवाली के त्यौहार पर भी बाहरी क्षेत्रो की नहीं ली सुध
नगर निगम के अधिकारियों और मेयर की सफाई के प्रति चिंता का आलम ये है कि दीवाली के त्यौहार पर भी शहर के बाहरी हिस्सों में सफाई करवाने की जहमत नहीं उठाई गई है। वहीं मेयर का कहना यही होता है की ग्रेटर निगम के सारे वार्डों में समान रूप से सफाई होती है । लेकिन जनता का कहना है कि वो सफाई कहीं नजर नहीं आती।