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माटी कला कामगारों को मिलेगा तकनीकी संबल

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श्रीयादे माटी कला बोर्ड नि:शुल्क देगा मशीनें] बोर्ड के अध्यक्ष प्रहलाद राय टाक ने दी जानकारी


जयपुर, 18 जून 2025 (न्याय स्तंभ) । माटी कला को आधुनिक स्वरूप देने और परंपरागत कारीगरों को आर्थिक संबल प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा द्धारा बजट वर्ष-2025-26 में घोषणा के प्रभावी कियान्यवन के संबंध में बुधवार को श्रीयादे माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष प्रहलाद राय टाक ने प्रेस वार्ता की। उन्होंने कहा कि माटी कला बोर्ड को मुख्यमंत्री ने इस बार दोगुना बजट दिया है। उन्होंने इस पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का आभार व्यक्त किया। प्रहलाद टाक ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार हर वर्ग के कल्याण को लेकर प्रतिबद्ध है। इसी के तहत प्रदेश के मिटटी कामगारों को आर्थिक रूप से सुदृढ करने के उदेश्य से 2000 विद्युत चालित चाक एवं 2000 मिट्टी गूंथने की मशीनें निःशुल्क उपलब्ध करायी जाएंगी। इसके लिए 14 हजार से ज्यादा ऑनलाइन आवेदन पत्र प्राप्त हुए हैं। इनमें से दो हजार पात्र लोगों का चयन कर उन्हें उचित प्रशिक्षण देकर चाक व मिटटी गूंथने की मशीन उपलब्ध करवाने का कार्य किया जाएगा।
राजसमंद से होगा जागरूकता शिविरों का आगाज
उन्होंने बताया कि प्रदेश की 200 विधानसभा क्षेत्रों व 41 जिलों से चयनित माटी कला कामगारों को निःशुल्क मशीनें वितरित की जायेंगी। बोर्ड द्वारा पोर्टल तैयार कर ऑनलाइन आवदेन प्रकिया प्रारंभ कर बजट घोषणा की कियान्विति का आगाज किया जा चुका है। इसी के तहत पहला जागरूकता शिविर 21 जून-2025 को राजसमंद जिले में आयोजित किया जाएगा। इस शिविर में जिले की 4 विधानसभा क्षेत्रों से प्राप्त ऑनलाइन आवेदनों में से लाभार्थियों का विधानसभा क्षेत्रानुसार प्राथमिकता व पात्रता/ लॉटरी के आधार चयन किया जायेगा। चयनित पात्र लाभार्थियों को 10 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जाकर उनको माटी कला की विभिन्न विधाओं, कलाकृतियों का प्रशिक्षण दिया जायेगा। प्रशिक्षण उपरान्त पात्र लाभार्थियों को विद्युत चालित चाक व मिट्टी गूंथने मशीन का सेट निःशुल्क उपलब्ध करवाया जायेगा। इसी तरह राज्य के अन्य जिलों में भी जागरूकता शिविर आयोजित किए जाएंगे।
माटी कामगारों के लिए ‘माटी के लाल’ पुरस्कार
प्रहलाद राय टाक ने बताया कि गर्वनिंग बोर्ड की बैठक में इस बार श्रीयादे माटी कला बोर्ड ने कई महत्वपूर्ण कार्य निर्धारित किए हैं। इसके तहत माटी के बर्तन पकाने के हेतु धुआं रहित अथवा कम धुआं के बारे में भी माटी कामगारों को जागरूक किया जायेगा। माटी के बर्तन, खिलौनों आदि के उचित विपणन के लिए जागरूक किया जायेगा। मेलों, प्रदर्शनियों आदि में प्रदर्शन एवं विपणन हेतु उनको प्रेरित किया जायेगा। प्रदेश के माटी कलाकारों को प्रोत्साहित किये जाने हेतु माटी के लाल’ पुरस्कार दिये जाने हेतु आवेदन आंमत्रित किये जा रहे हैं।
प्रशिक्षकों को भी मिलेगा प्रशिक्षण
उन्होंने बताया कि इस बार चयनित लोगों को प्रशिक्षण देने वाले प्रशिक्षकों को भी उचित ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके तहत इच्छुक प्रशिक्षकों से आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। चयनित प्रशिक्षकों को राज्य स्तर पर प्रशिक्षण देकर उनका बोर्ड द्धारा प्रमाणीकरण किया जाएगा। ये सर्टिफाई प्रशिक्षक बोर्ड द्धारा संचालित प्रशिक्षण कैंपों में प्रशिक्षण देंगे। टाक ने यह भी बताया कि प्रदेशभर में आयोजित किये जाने वाले प्रशिक्षण शिविर के संचालन हेतु माटी कला की अनुभवी व पंजीकृत संस्थाओं से आवेदन आंमत्रित किये जा रहे हैं, चयनित संस्थाओं को बोर्ड में सम्बद्ध भी किया जाना है।
मिटटी के बर्तनों के विपणन को लेकर होंगे प्रयास
मिटटी के बर्तनों की बिक्री के लिए भी बोर्ड उन्हें उचित मार्गदर्शन प्रदान करेगा। इसके तहत रेलवे प्लेटफार्मों, बस अड्डों एवं आरटीडीसी होटल्स में मिट्टी के कप व कुल्हड उपयोग हेतु प्रक्रिया जारी है। इसके अलावा माटी कला का व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रचार करने के लिए स्कूलों में माटी कला की एक्टिविटी की कार्यशालाएं की जायेंगी। बोर्ड अध्यक्ष टाक ने बताया कि माटीकला कामगारों को उनको रोजमर्रा के कार्यों में आ रही समस्याओं के समाधान हेतु ‘मुख्यमंत्री माटी कला कामगार रोजगार सशक्तिकरण योजना” का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया है।



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