पिछले 2 महीने से नहीं मिल रहा प्रोपर डीजल, कर्मचारी परेशान
जयपुर, 11 अगस्त 2025 (न्याय स्तंभ)। राजस्थान में लोगों की जान बचाने वाली 108 एंबुलेंस सेवा पिछले दो महीने से डीज़ल संकट से जूझ रही है। सरकारी अफसरों और मंत्रियों के लिए लग्जरी गाड़ियां, एयर कंडीशन सुविधा और भरपूर संसाधन उपलब्ध हैं, लेकिन जिन एंबुलेंस से रोज़ सैकड़ों जिंदगियां बचाई जाती हैं, उन्हें चलाने के लिए डीज़ल तक मुहैया नहीं कराया जा रहा।
राजस्थान एंबुलेंस कर्मचारी यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह शेखावत ने बताया कि एंबुलेंस संचालक कंपनी जीवीके ईएमआरआई ग्रीन हेल्थ सर्विसेज पिछले दो महीने से प्रतिदिन सिर्फ 500 से 700 रुपए का डीज़ल ही डलवा रही है। हालत ये है कि शाम 6 बजे से सुबह 10 बजे तक किसी भी एंबुलेंस में डीज़ल नहीं डलवाया जाता, जिससे कई एंबुलेंस पेट्रोल पंप या अपनी जगह खड़ी रहती हैं।
शेखावत ने बताया कि कंपनी के जिला अधिकारी, प्रोग्राम मैनेजर और रीजनल मैनेजर एंबुलेंस कर्मचारियों पर दबाव डालते हैं कि अगर डीज़ल नहीं है तो अपने पैसे से डीज़ल डलवाओ, नहीं तो नौकरी से निकाल देंगे। कई कर्मचारी अपनी जेब से डीज़ल डालकर एंबुलेंस चला रहे हैं, लेकिन उन्हें पैसे वापस नहीं दिए जाते।
प्रदेश यूनियन ने बार-बार कंपनी को डीज़ल संकट की जानकारी दी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अब कर्मचारियों में गहरा रोष है और कभी भी एंबुलेंस सेवा ठप पड़ सकती है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और सरकार से सवाल
जब मंत्रियों और अधिकारियों की गाड़ियों के लिए सरकारी खजाने से पेट्रोल-डीज़ल की कोई कमी नहीं होती, तो जीवनरक्षक एंबुलेंस सेवा को यह सुविधा क्यों नहीं? क्या सरकार के लिए वीआईपी गाड़ियां जनता की जान से ज्यादा अहम हैं?