जयपुर समारोह के नाम पर जनता की गाढ़ी कमाई की बर्बादी

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उधर जनता तरस रही मूलभूत सुविधाओं के लिए

कांग्रेस सहित भाजपा पार्षद भी दबी जुबान से कर रहे विरोध

योगा दिवस के बाद अब राइज़िंग राजस्थान में बड़े घोटाले के संकेत

जनता का पैसा जनता तक पहुंचाने में ग्रेटर निगम नाकाम

जयपुर। 17 दिसंबर 2024(न्याय स्तंभ)। जहां एक तरफ ग्रेटर नगर निगम की जनता मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रही है वहीं ग्रेटर नगर निगम की महापौर सौम्या गुर्जर सरकारी धन की बर्बादी में लगी है। पहले तीज त्याहारों जैसे कार्यक्रमों पर और अब जयपुर समारोह के नाम पर करोड़ों रुपये लुटा रही जिससे न तो जनता को कोई फायदा हो रहा है और न ही सरकार को। अब सवाल ये उठता है कि भाजपा की सरकार और भाजपा की ही महापौर फिजूलखर्ची पर कौन रोक लगाए।

प्रधानमंत्री दे रहे मितव्ययिता का संदेश, महापौर दिल खोल कर उड़ा रही सरकारी धन

जहां एक और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनता को मितव्ययिता का संदेश देते नजर आते हैं वहीं जयपुर ग्रेटर नगर निगम की महापौर खुले हाथों से प्रधानमंत्री के संदेश को अनदेखा कर दोनों हाथों से धन की बर्बादी में लगीं हैं।

कांग्रेसी पार्षदों सहित भाजपा के पार्षद भी विरोध में
ग्रेटर नगर निगम की महापौर की इस फिजूलखर्ची को लेकर कांग्रेस ही नहीं वरन भाजपा के पार्षद भी नाराजगी व्यक्त कर चुके हैं। अभी हाल ही में कांग्रेस के पार्षद अपने क्षेत्र में जनता की सुविधाओं को लेकर मिलने वाले अधूरे बजट पर अपना विरोध दर्ज करवा चुके हैं वहीं भाजपा के पार्षद भी कई बार महापौर की मनमानी की शिकायत अपने आलकमान तक पहुंचा चुके हैं। लेकिन यहां ये कहावत चरितार्थ होती है कि ‘समर्थ को नहीं दोष गुसाईं’। जी हां भाजपा के नेता भी दबी जुबान से महापौर के रवैये के विरोध दर्ज करवा चुके हैं लेकिन महापौर के संघ और कई बड़े भाजपा नेताओं से संपर्क के कारण उन पर कोई कार्रवाई नहीं होती।

तीज-त्योंहारों पर लाखों खर्च किए
नगर निगम के अधिकारी वैसे तो कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं लेकिन पूंछने पर उन्होंने जानकारी दी कि महापौर की हठधर्मिता के कारण सरकारी धन जनता की सुविधाओं पर खर्च न होकर उल-जुलूल कामों पर खर्च हो रहा है। निगम के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार महापौर अब अब तक नगर निगम के मूल काम से इतर दूसरे कामों पर लगभग 70 से 80 लाख रुपये खर्च कर चुकीं हैं। जो अपने आप में एक बहुत बड़ा धन का अपव्यय है। लेकिन इस पर न तो कोई अधिकारी अंकुश लगाता है और न ही कोई पार्षद बोलने की हिम्मत जुटाते हैं।

राइज़िंग राजस्थान में करोड़ों के घोटाले के संकेत
निगम के विश्वस्त सूत्रों से पता चला है कि नगर निगम ग्रेटर में पहले योग दिवस पर बड़े घोटाले होते थे लेकिन अब राइज़िंग राजस्थान में हेरिटेज नगर निगम द्वारा लगाए गए छोटे पौधों में बड़े घोटाले की आशंका है। अब इसमें किसका हाथ है ये जांच का विषय है। लेकिन शहर की पूरी सड़क पर गमले सहित पौधा लगाने की योजना कोई बड़े घोटाले की तरफ इशारा जरूर करते हैं।
अब यहां ये सवाल उठते हैं कि किसने ये ठेका दिया, कौनसी फर्म को बड़ा फायदा पहुंचाने का काम किया गया,फिर उनकी निगरानी में कितना पैसा खर्च हुआ,उनको वापस हटाने में कितना पैसा लगा,और जब पौधों को हटाया गया तो अब उनको नष्ट कर दिया या फिर वापस किसी चहेती फर्म को फायदा पहुंचाया गया अब ये तो भविष्य की गर्त में में ही छुपा है लेकिन ये बात तय है कि इस पर सरकार और नगर निगम की दोनों महापौर को ध्यान देने की महती आवश्यकता है।



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