(मतीष पारीक)
जयपुर , 23 अक्टूबर 2025 (न्याय स्तंभ)। राजधानी जयपुर में एक बार फिर बड़ा प्रशासनिक फेरबदल होने जा रहा है। लंबे समय से चर्चाओं में चल रहा जयपुर नगर निगम ग्रेटर और हेरिटेज का विलय अब अंतिम चरण में है। सरकार ने दोनों निगमों को एक करने की तैयारियां तेज़ कर दी हैं और अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि एकीकृत नगर निगम का चार्ज किसे मिलेगा? दोनों नगर निगमों के बोर्ड का कार्यकाल 10 नवंबर को पूरा हो रहा है और माना जा रहा है कि सरकार 9 नवंबर तक किसी अधिकारी को चार्ज देने के आदेश जारी करेगी।
सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री स्तर पर चल रही बैठकों में दो नामों पर जोरों की चर्चा चल रही है जिनमें जयपुर के संभागीय आयुक्त और हेरिटेज नगर निगम की आयुक्त डॉ. निधि पटेल प्रमुख हैं। जहां प्रशासनिक दृष्टि से संभागीय आयुक्त को एक सुरक्षित विकल्प माना जा रहा है, वहीं राजनीतिक और कार्यकुशलता के लिहाज से डॉ. निधि पटेल सबसे मज़बूत दावेदार मानी जा रही हैं। बताया जा रहा है कि डॉ. पटेल राजस्थान में केंद्र सरकार की सिफारिश पर आई थीं और उनकी नियुक्ति के पीछे केंद्र के एक मंत्री और सत्ताधारी दल के एक बड़े नेता की अहम भूमिका रही है। इसी सिफारिश ने अब राज्य की राजनीति और अफसरशाही दोनों में हलचल मचा दी है।
नगर निगम हेरिटेज में अपने कार्यकाल के दौरान निधि पटेल ने कई ठोस फैसले लेकर अपनी पहचान बनाई है। शहर की सफाई व्यवस्था, हेरिटेज ज़ोन में विकास कार्य और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स के क्रियान्वयन में उनकी सक्रियता को लेकर वे एक सख्त लेकिन परिणाम देने वाली अधिकारी मानी जाती हैं। हाल ही में सांसद मंजू शर्मा की अध्यक्षता में हुई स्मार्ट सिटी बैठक में भी निधि पटेल चर्चा के केंद्र में रहीं, जहां उनके सुझावों की सराहना की गई। उनके कामकाज और प्रशासनिक दक्षता को देखते हुए प्रदेश के कई नेता अब खुलकर उनके समर्थन में आ गए हैं।
अब सवाल यही है कि जब दोनों निगम एक हो जाएंगे, तो नया जयपुर नगर निगम कौन संभालेगा? क्या राजस्थान सरकार स्थानीय स्तर पर फैसला करेगी या फिर दिल्ली से आई सिफारिश का असर इस बार भी देखने को मिलेगा । अंदरखाने चल रही चर्चाओं के मुताबिक फैसला जल्द होगा, और अगर ऊपर से आई सिफारिश का वजन बना रहा, तो डॉ. निधि पटेल का नाम लगभग तय माना जा रहा है।



