ग्रेटर नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष राजीव चौधरी ने ACB और लोकायुक्त जांच की उठाई मांग
जयपुर, 30 जुलाई 2025 (न्याय स्तंभ)। नगर निगम जयपुर ग्रेटर में सड़कों की मरम्मत और निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार और अनियमितता का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। नेता प्रतिपक्ष राजीव चौधरी ने नगर निगम के अधीक्षण अभियंता, कार्यपालक अभियंता और संबंधित अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए थाना ज्योति नगर में विधिवत परिवाद दर्ज कराया है।
चौधरी ने इन अधिकारियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304(क), 336, 409 और 420 के तहत FIR दर्ज करने की माँग की है। इसके साथ ही उन्होंने ACB , CAG और लोकायुक्त से भी स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच कराने की माँग उठाई ह
नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि मानसून से पूर्व नगर निगम द्वारा करोड़ों रुपये की लागत से सड़क मरम्मत कार्य स्वीकृत किए गए थे। लेकिन न तो ये कार्य समय पर शुरू हुए और न ही इनकी गुणवत्ता पर ध्यान दिया गया। परिणामस्वरूप बारिश की पहली ही बौछार ने नगर निगम की कार्यप्रणाली की पोल खोल दी। उन्होंने कहा कि गर निगम के अधिकारी और ठेकेदार आपसी सांठगांठ से जनता के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं। जनहानि तक हो चुकी है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी अब तक कुर्सियों पर जमे हुए हैं। फिलहाल नगर निगम की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
FIR दर्ज कराने के साथ उठाई ये पांच मांगें
संबंधित अभियंताओं और परियोजना अधिकारियों की तत्काल गिरफ्तारी की जाए। ठेकेदारों की भूमिका की निष्पक्ष जांच कराई जाए। ACB, CAG और लोकायुक्त से आर्थिक व तकनीकी ऑडिट कराया जाए। मानसून से पहले स्वीकृत सभी सड़क परियोजनाओं की साइट जांच की रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए। लोक धन के दुरुपयोग की जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया जाए।
चौधरी ने इस मुद्दे को विधानसभा और न्यायालय में भी उठाने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई तो यह भ्रष्टाचार महामारी की तरह फैल जाएगा। नगर निगम प्रशासन की जवाबदेही को लेकर अब सवाल उठने लगे हैं। जनता के पैसों से अधूरी या खराब गुणवत्ता वाली सड़कों का निर्माण किसकी ज़िम्मेदारी है।