जयपुर। 19 जून 2025 (न्याय स्तंभ) । राजधानी जयपुर के हालात इस वक्त बद से बदतर हो चुके हैं। हैरानी की बात ये है कि ये तस्वीर मुख्यमंत्री के अपने विधानसभा क्षेत्र की है, जहां सड़कों का हाल देख कर कोई भी दंग रह जाए। कमला नेहरू नगर, भांकरोटा और आस-पास की कॉलोनियों में सड़कें खुदी पड़ी हैं। जगह-जगह खुदाई के बाद बड़े-बड़े गड्ढे जानलेवा साबित हो रहे हैं। मानसून सर पर है लेकिन प्रशासन को कोई फिक्र नहीं।
हाइवे पर बने नाले पहले ही उफान पर हैं। बरसात शुरू भी नहीं हुई और पानी ने सड़कों पर कब्जा कर लिया है। हर कॉलोनी, हर गली में कीचड़ और जलभराव की वजह से लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है। कमला नेहरू नगर और भांकरोटा और आसपास के इलाके में तो सड़कें खुदाई के बाद फिर बनाई ही नहीं गईं। गड्ढों में गिरकर रोजाना हादसे हो रहे हैं। बाइक सवार चोटिल हो रहे हैं, बुजुर्ग गिर रहे हैं और एंबुलेंस तक कॉलोनियों में नहीं पहुंच पा रही।
जनता सवाल कर रही है — क्या मुख्यमंत्री को अपने ही विधानसभा क्षेत्र के लोगों की जान की कोई परवाह नहीं? क्या प्रशासन किसी बड़े हादसे का इंतज़ार कर रहा है? स्थानीय पार्षद और अधिकारी भी मौके से नदारद हैं। लोग लगातार शिकायत कर रहे हैं, लेकिन ना निगम जाग रहा है, ना स्मार्ट सिटी वाले और ना ही जिला प्रशासन।
भांकरोटा में भी वही हाल — सड़कें उधड़ी, नाले उफन रहे, जलभराव से कॉलोनियां डूबी हुई। बारिश से पहले ही पानी कॉलोनियों में घुसने लगा है। स्कूल जाने वाले बच्चे, ऑफिस जाने वाले लोग और बीमार मरीज — सब त्रस्त हैं।
जनता का कहना है कि अगर यही हाल रहा तो मानसून में जयपुर डूब जाएगा।
सवाल ये है — क्या प्रशासन का सिस्टम सिर्फ कागजों में चल रहा है? और क्या मुख्यमंत्री को अपने ही क्षेत्र की इस दुर्दशा का ज़रा भी अंदाज़ा है? अब देखना ये है कि ये खबरें चलने के बाद भी कोई सुध लेता है या फिर जयपुर की सड़कों पर यूं ही मौत का खेल चलता रहेगा!