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“अपनों की नौकरी, डर की सौदेबाज़ी, जयपुर नगर निगम में उगाही का सिंडिकेट!”

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विजिलेंस रिपोर्ट और मिठाई के बहाने! जयपुर नगर निगम में खुलेआम चल रही उगाही

जयपुर की पुरानी बस्ती में उगाही का नया खुलासा! 75 साल की महिला बनी शिकार

जयपुर। 14 जून 2025 (न्याय स्तंभ) नगर निगम में नौकरी दिलाने के नाम पर पैसों की वसूली का खेल थमने का नाम ही नहीं ले रहा। कभी विजिलेंस जांच, तो कभी मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक की रिपोर्ट, और कभी अधिकारियों को मिठाई देने का बहाना — इस पूरे खेल में एक संगठित गैंग भोले-भाले बेरोज़गारों से मोटी रकम वसूल रहा है। पिछले कई वर्षों से जारी इस वसूली के धंधे में जब कोई नौकरी नहीं लगती और पीड़ित अपनी रकम मांगने पहुंचता है, तो उसे खुलेआम धमकियां दी जाती हैं। हाथ-पैर तोड़ने तक की चेतावनी देकर गैंग के सदस्य अपना दबदबा बनाए रखते हैं।
हैरानी की बात ये है कि जब मामला पुलिस तक पहुंचता है, तो आरोपी झट से पैसे लौटाकर मामला रफा-दफा कर देते हैं। हाल ही में ट्रांसपोर्ट नगर थाने में दर्ज हुए ऐसे ही एक प्रकरण में भी यही हुआ। आरोपी ने पीड़ित को पैसे लौटा दिए और समझौता कर कानूनी कार्रवाई से बच निकला। सवाल ये उठता है कि क्या पैसे लौटाने भर से अपराध खत्म हो जाता है? और क्या ऐसे मामलों में सिर्फ लेनदार को ही दोषी माना जाए, या देने वाला भी बराबर का दोषी है?
इन सबके बीच बिचौलियों की पौ बारह हो जाती है। दोनों तरफ से मोटी कमाई होती है — नौकरी के नाम पर पहले वसूली और फिर समझौते के नाम पर। अफ़सोस की बात ये है कि नगर निगम के अधिकारी सब कुछ जानते हुए भी आंखें मूंदे बैठे हैं। प्रशासन की नाक के नीचे खुलेआम लूट का खेल चल रहा है और कार्रवाई के नाम पर बस खानापूर्ति।
न्याय स्तंभ’ लगातार ऐसे मामलों को उजागर करता आया है और अब जल्द ही 75 वर्षीय वृद्ध महिला से नौकरी के नाम पर वसूली के एक और सनसनीखेज़ मामले का पर्दाफ़ाश करने जा रहा है। जिसमें इस गैंग के कई और चेहरे बेनकाब होंगे। सवाल वही है — आखिर कौन रोकेगा इस उगाही के गोरखधंधे को?



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