आदेश के बाद भी कर्मचारी नहीं सुधार रहे ढर्रा, जनता हो रही परेशान
जयपुर 09 अगस्त 2025(न्याय स्तंभ) । नगर निगम जयपुर हेरिटेज में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने के लिए आयुक्त निधि पटेल ने बड़ा कदम उठाते हुए सख्त आदेश जारी किए हैं। आयुक्त ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि नगर निगम में अधिकारियों और कर्मचारियों के ट्रांसफर, पोस्टिंग अथवा अन्य सभी प्रकार के आदेश उसी दिन आईटी शाखा में भिजवाए जाएं ताकि उन्हें राजकाज, ऑनलाइन सेवाएं, राजस्थान सम्पर्क पोर्टल और बॉयोमैट्रिक सिस्टम पर समय पर मैप किया जा सके। साथ ही, जनसम्पर्क शाखा द्वारा ली गई सभी फोटो और वीडियो भी उसी समय आईटी शाखा को उपलब्ध कराए जाएं, ताकि नगर निगम की वेबसाइट पर तुरंत अपलोड हो सके।
लेकिन हकीकत इससे बिल्कुल उलट है। सूत्रों के अनुसार, निगम के कई कर्मचारी आयुक्त के आदेशों की खुली अवहेलना कर रहे हैं। कई आदेश, टिप्पणियां और दस्तावेज़ कई दिनों तक ऑनलाइन नहीं डाले जा रहे। इसका सबसे बड़ा नुकसान उस जनता को हो रहा है जो अपना काम कराने के लिए चक्कर काटते-काटते परेशान हो रही है।
पट्टों की फाइलों में तो हाल और भी खराब है। कई भू-स्वामी सालों से अपने पट्टे से जुड़े दस्तावेज ऑनलाइन होने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन फाइलें सिर्फ अलमारियों में घूम रही हैं। अब कर्मचारियों में ये चर्चा भी है कि दोनों नगर निगमों के विलय में ज्यादा वक्त नहीं बचा, इसलिए कई लोग “कागज फाइल में घुमाने” तक ही सीमित हैं, ऑनलाइन अपडेट से बच रहे हैं।
आयुक्त निधि पटेल की मंशा साफ है की जनता की सेवा पारदर्शिता, तेजी और बिना परेशानी के हो सके । लेकिन सवाल है, जब आदेश साफ-साफ लिखित में हैं, फिर भी कर्मचारी अमल क्यों नहीं कर रहे? क्या हेरिटेज की फाइलों में पारदर्शिता सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह जाएगी?