माननीया के नाम से कौन कर रहा उगाही!
क्या माननीया इस बात से बेख़बर?
जयपुर। 31 नवंबर 2024(न्याय स्तंभ) प्रदेश के सबसे बड़े नगरीय निकाय जयपुर ग्रेटर निगम में आखिर माननीया के नाम से जयपुर में कौन उगाही करने में लगा है ये प्रश्न विचारणीय है। यहां बुजुर्गों द्वारा कही जाने वाली कहावत चरितार्थ हो रही है जिसमें कहा गया है कि ‘जब बाड़ ही खेत को खाए तो उसे कौन बचाए’।
सुनने में आया है कि ग्रेटर निगम की माननीया के नाम से उनके ही किसी खास और साए की तरह साथ रहने वाले ‘विनायक’ सील की डील और अवैध निर्माणों को आश्रय देने का महाखेल खेल रहे हैं। अब ये तो सुनी-सुनाई बातें हैं लेकिन जयपुर में अवैध निर्माणों और सील की डील की बातें भी किसी से छुपी नहीं है। इसका खुलासा भी जल्द ही हो जाएगा कि इस महाखेल में कौन शामिल है, किसने ऐसे भ्रष्ट लोगों को पनाह दे रखी है या फिर उस खेल में ऊपर से लेकर नीचे तक सब शामिल हैं।
अभी सुनी-सुनाई में हम बात कर रहे हैं निगम के ‘विनायक’ जिनका पेट इतना बड़ा है कि वो पूरे शहर में माननीया के नाम से उगाही करने में लगे हैं। हालात ये हैं कि चाहे पट्टे बनवाने हो या, नगर निगम द्वारा सीज की गई प्रॉपर्टी की सील खुलवानी हो। या फिर कहीं अतिक्रमण करना हो। सब बिना किसी रोक-टोक के चल रहा है। माननीया के खास होने के कारण अधिकारी भी इनके कामों को अटकाने में विश्वास नहीं करते। लेकिन ये साहब तो यहीं नहीं रुकते जयपुर शहर में बनने वाली छोटी-मोटी इमारतों के बनने बिगड़ने के खेल भी इनके इशारों पर ही चलता है।
लोगों का तो यहां तक भी कहना है कि जब तक साहब के पास दक्षिणा नहीं पहुंच जाती तब तक नगर निगम में एक पत्ता तक नहीं हिल सकता। अब ये दक्षिणा कहां तक जाती है ये तो लेने वाला ही जाने की आखिर माजरा क्या है। लेकिन ये बात जरूर है कि पूरे शहर में इन साहब के चर्चे हो रहे हैं। ग्रेटर निगम के पार्षद, अधिकारी और जनता भी अब साहब के कारनामों से परेशान होकर आर-पार की लड़ाई के मूड में दिख रहे हैं। सब सुनी-सुनाई है लेकिन निष्पक्ष और निर्भीकता से दिखाई है।