मुख्यमंत्री से लगाई अपनी एवं अपने परिवार की सुरक्षा की गुहार
जयपुर/ कोटा 8 अप्रैल 2024(न्याय स्तंभ) पुलिस की प्रताड़ना की शिकायत आम जन को करते हुए तो खूब सुना और देखा है लेकिन राजस्थान में ऐसा एक मामला सामने आया जिसमें पुलिस के ही उप निरीक्षक ने अपने अधिकारियों पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है। मामला प्रदेश के कोटा ग्रामीण का है जहां पदस्थ, निलंबित सब इंस्पेक्टर सत्यपाल पारीक ने प्रदेश के एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी और रिटायर डीजी पर झूठे मुकदमे में फंसाने का आरोप लगाया है। पारीक ने बताया कि उन्होंने कोर्ट में दो इस्तगासे दर्ज करवाए हैं जिसमें एक कि जांच खुद कोर्ट कर रही है और दूसरे की जांच आईपीएस अधिकारी को करने के निर्देश दिए हैं। हालांकि अभी जांच प्रक्रियाधीन है। उन्होंने बताया कि वहीं एक मुकदमा बारां में दर्ज करवाया है। इसकी जांच भी चल रही है। पारीक ने इसको लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से शिकायत की है जिसकी जांच खुद मुख्यमंत्री करवा रहे हैं।
दूसरी और इस मामले में जांच कर रहे पुलिस अधिकारी का कहना है कि एक प्रकरण की जांच चल रही है। लेकिन चुनावों के कारण जांच के लिए अतिरिक्त समय मांगा गया है।
पारीक ने मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन
इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं होने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को निलंबित एसआई सत्यपाल पारीक ने कोटा रेंज के महा निरीक्षक रवि दत्त गोड एवं जिला कलेक्टर कोटा को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है।
ज्ञापन में अपने ही अधिकारियों पर गंभीर आरोप
पुलिस में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। इसकी एक बानगी अभी जयपुर के भांकरोटा में देखने को मिली थी जिसमें पुलिस ने एक सीए के साथ उसके ही घर मे घुस कर मारपीट की थी। उस मामले में तो मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप से आरोपी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई हो गई। वहीं अब पुलिस के निलंबित एसआई सत्यपाल पारीक ने भ्रष्टाचार विभाग के सेवानिवृत्त अधिकारी भगवान लाल सोनी , एडीजीपी दिनेश एम एन, एडीजीपी विष्णु कांत डीआईजी विजय स्वर्णकार, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एसीबी कोटा सुरेश स्वामी , सरदार सिंह एवं प्रताप सिंह के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए न्याय की गुहार लगाई है। पारीक ने आरोप लगाया है कि पिछले 2 वर्ष से लगातार10 लाख रुपए रिश्वत लेने- देने के संबंध में शिकायत दी गई लेकिन पूर्ववती सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं कि और अधिकारियों का बचाव करती रही। लेकिन अब सरकार चेंज होने पर उन्होंने इस मामले में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के सामने रखा है। उनका कहना है कि अब मुझे इस मामले में नई सरकार से आस है कि वो मेरी परेशानी पर संज्ञान लेते हुए इन अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई करेगी।
एसीबी ने किया मुकदमा दर्ज
सत्यपाल पारीक की शिकायत के बाद मुख्यमंत्री के आदेश पर एसीबी ने 1 मई 2024 को प्रकरण संख्या 66 / 2024 दर्ज कर लिया है । हालांकि इस मामले में किसी भी अधिकारियों का नाम नहीं है। दूसरी ओर पारीक का कहना है कि उन्होंने एसीबी में दिए परिवाद में अधिकारियों के नाम भी दिए थे लेकिन उनके नाम एफआईआर में दर्ज ही नहीं किये गए।
रिपोर्ट वापस लेने का बना रहे दबाव, मिल रही धमकियां
निलंबित एसआई सत्यपाल पारीक पर अब संकट के बादल मंडराने लगे हैं। उन्होंने बताया कि जब से उन्होंने रिपोर्ट दर्ज करवाई है तब से आरोपी अधिकारियों द्वारा उन पर दबाव बनाया जा रहा है। एफआईआर वापस लेने के लिए धमकियां और कई तरह के प्रलोभन दिए जा रहे हैं। पारीक का कहना है कि वे अब धमकियों से इतने डर गए हैं को उन्हें अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा की चिंता सताने लगी है। इसलिए उन्होंने अब कोटा के पुलिस महानिरीक्षक रवि दत्त गौड़ को ज्ञापन देकर
अधिकारियों द्वारा लागातार मिल रही धमकियों से खुद की एवं परिवार के जान माल की रक्षा के लिए गुहार लगाई है। उन्होंने कहा कि जिन अधिकारियों पर उन्होंने आरोप लगाया है वे उन्हें किसी भी हद तक जाकर नुकसान पहुंचा सकते हैं इसलिए उनकी सुरक्षा बहुत आवश्यक है। पारीक ने पूर्व पुलिस अधिकारी भगवान लाल सोनी, एडीजी दिनेश एम एन, विष्णुकांत, विजय स्वर्णकार, सरदार सिंह, प्रताप सिंह, ज्ञानचंद मीना पर आरोप लगाएं हैं।
जांच अधिकारी बदलने की भी गुहार
सत्यपाल पारीक ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से गुहार लगाते हुए उनके द्वारा दर्ज करवाए गए मामलों में जांच अधिकारियों को बदलने की भी मांग की है। उन्होंने मुख्यमंत्री को लिखा है कि जिन अधिकारियों के पास जांच है वे कहीं न कहीं उक्त अधिकारियों से प्रभावित होकर निष्पक्ष जांच नहीं कर पाएंगे इसलिए उन्हें उक्त जांच से हटाया जाकर दूसरे अधिकारियों को जांच सौंपी जाए।