कहा-हत्याकांड के 80 दिन बाद भी नहीं मिला न्याय, दो दिन में मांगे नहीं मानी तो करेंगे सीएम आवास कूच
जयपुर। श्री राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड के 80 दिन बाद भी सरकार द्वारा मांगे नहीं माने जाने पर उनकी पत्नी शीला शेखावत ने सीएम आवास पर कूच की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि सरकार ने मांगे मानने की बात कहकर धोखा दिया है अगर 2 दिन में हमारी मांगे नहीं मानी गई तो वे सर्वसमाज को साथ लेकर धरने पर बैठेंगी। उन्होंने कहा कि वे 3 मार्च को अपने पैतृक गांव गोगामेड़ी से सीएम आवास के लिए अपने लोगों के साथ पैदल मार्च करेंगी।
बता दें कि 5 दिसंबर 2023 को श्री राजपूत करणी सेवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेडी को उन्हीं के घर में घुसकर दो अज्ञात लोगों के द्वारा गोलियों से छलनी कर दिया गया था। इसके बाद में सर्व समाज के द्वारा सड़कों पर उतरकर एक बड़ा प्रदर्शन किया गया यह प्रदर्शन जयपुर में ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश और देश के कई हिस्सों में देखने को मिला था। इस प्रदर्शन से दबाव में आकर सरकार के कई मंत्री जयपुर में मेट्रो हॉस्पिटल के सामने सुखदेव सिंह गोगामेडी के परिवार से मिलने पहुंचे थे।
प्रदर्शन के दौरान सुखदेव सिंह गोगामेडी के परिवार की सुरक्षा एवं भरण पोषण के लिए संघर्ष समिति ने सरकार के सामने कुछ मांगे रखी थी। जिसमें पहली मांग अपराधियों की गिरफ्तारी थी , उसके अलावा परिवार के पालन पोषण के लिए मुआवजा परिवार में योग्य व्यक्ति के लिए सरकारी नौकरी एवं इसी प्रकार की अन्य मांगे रखी गई थी उसे वक्त भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता राजेंद्र राठौड़ द्वारा इन मांगों पर सहमति की गई थी सहमति बनने के बाद धरना खत्म किया गया था।
सुखदेव सिंह गोगामेडी की विधवा शीला शेखावत का कहना है की 80 दिन बीत जाने के बाद भी ना तो कोई मांग पूरी हुई है और ना ही कोई उनकी सुध लेने के लिए पहुंचा है। शीला ने बताया कि वह कई मंत्रियों और नेताओं से मिली लेकिन वहां से सिर्फ आश्वासन ही मिला । उन्होंने बताया कि वे मुख्यमंत्री भजनलाल से भी मिलने का समय मांग रही है लेकिन व्यस्तता के कारण सीएम ने मिलने का समय नहीं दिया। शेखावत ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर अब उनकी मांगें नहीं मानी जाती तो वे अपने दो छोटे बच्चों के साथ अपने पैतृक गांव गोगामेडी से पैदल ही निकलेगी और सीएम आवास पहुंचेंगीं। उनके पैदल मार्च में अपने आप आम जनता जुड़ती चली जाएगी और उसे जनता को काबू करना फिर मेरे बस का नहीं होगा।
शीला शेखावत ने अपनी प्रमुख मांगों में बताया कि उसे घटनाक्रम के गवाहों को सुरक्षा दी जाए क्योंकि अगर गवाह ही नहीं होगा तो न्याय कैसे मिलेगा। उन्होंने कहा कि मुझे और अजीत सिंह के परिवार को सरकार द्वारा मुआवजा दिया जाए, जब सबको मुआवजा मिला तो उनके परिवार को क्यों नहीं दे रहे