गहलोत ने शेखावत को बताया था संजीवनी घोटाले का आरोपी, अब खुद ही कठघरे में
नई दिल्ली/जयपुर 6 जुलाई। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को गुरुवार को केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत द्वारा दायर मानहानि मामले में दिल्ली की कोर्ट से करारा झटका लगा। राउज एवेन्यू कोर्ट ने मामले में गहलोत को समन जारी कर सात अगस्त को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया है। न्यायाधीश हरजीत सिंह जसपाल की कोर्ट ने समन जारी किया। शेखावत ने गहलोत के विरुद्ध मानहानि की शिकायत दर्ज कराई थी। इससे पहले दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में तथ्यात्मक रिपोर्ट सौंपी थी। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने अपने और गहलोत की तस्वीर वाली खबर का स्क्रीनशॉट के साथ कविता लिखकर ट्वीट साझा करते हुए मामले पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा कि कीचड़ उछालने वाले लाख हैं मगर, कंठ तक जल में गड़ा, मुस्कुराता है कमल।
फरवरी, 2023 में गहलोत ने ट्वीट कर गजेंद्र सिंह शेखावत को संजीवनी घोटाले का आरोपी बताया था। उन्होंने कहा था कि एसओजी की जांच में संजीवनी घोटाले के अन्य गिरफ्तार आरोपियों के समान ही गजेंद्र सिंह शेखावत का जुर्म प्रमाणित हुआ है। इसके बाद शेखावत ने दिल्ली कोर्ट में उन्हें बदनाम करने का आरोप लगाकर गहलोत के खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस दायर किया था।
उल्लेखनीय है कि इसी साल मार्च में शेखावत ने गहलोत के खिलाफ दिल्ली की अदालत में मानहानि का मुकदमा दायर किया था। शेखावत ने कहा था कि राजस्थान के मुख्यमंत्री ने ना सिर्फ उनके चरित्र का हनन किया, बल्कि उनकी दिवंगत मां को भी आरोपी करार दिया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 21 फरवरी को आरोप लगाया था कि संजीवनी घोटाले में गजेंद्र सिंह शेखावत के माता-पिता और पत्नी समेत पूरा परिवार शामिल है। गहलोत और शेखावत के बीच लंबे समय से आरोप-प्रत्यारोप चलते रहे हैं। गहलोत केंद्रीय मंत्री पर उनकी सरकार गिराने की कोशिश का भी आरोप लगाते रहे हैं। गुरुवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने मामले को लेकर सुनवाई की। इसके बाद कोर्ट ने अशोक गहलोत को समन जारी कर दिया। उन्हें सात अगस्त को कोर्ट में मौजूद रहने का आदेश दिया गया है।