जयपुर। 14 मार्च 2023(न्याय स्तंभ) स्नातकोत्तर क्रिया शारीर विभाग राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान मानद विश्वविद्यालय, जयपुर में क्रिया शरीर विभाग के संकाय सदस्यों के लिए 6 दिवसीय CME (सतत चिकित्सा शिक्षा) कार्यक्रम के दूसरे दिन के सत्र बहुत ही ज्ञानवर्धक रहे। धन्वन्तरी वन्दना एवं दीप प्रज्वलन के साथ हुई कार्यक्रम की शुरुआत हुक। क्रिया शारीर विभाग द्वारा एक नई परंपरा की भी शुरुआत हुई, जिसमें विषय विशेषज्ञों के साथ – साथ प्रतिदिन के हिसाब से चयनित प्रतिभागियों से भी दीप प्रज्वलन करवाया गया।
कार्यक्रम के सचिव डा. सी. आर. यादव, विभागाध्यक्ष, क्रिया शारीर विभाग, राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, मानद विश्वविद्यालय, जयपुर ने बताया कि आज के वैज्ञानिक सत्रों में प्रो. दीपा काले, विभागाध्यक्ष- क्रिया शारीर, YMT आयुर्वेद महाविद्यालय, मुंबई द्वारा वात दोष एवं कफ दोष के गुणों का सैद्धांतिक एवं नैदानिक उदाहरणों द्वारा विस्तृत विवेचन किया गया । इसके साथ ही उन्होंने प्रतिभागियों से बहुत ही रोचक गतिविधियों भी करवाई ।
दूसरे सत्र में डा. सारिका यादव, असिस्टेंट प्रोफेसर, क्रिया शारीर, राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, जयपुर द्वारा बहुत ही महत्वपूर्ण विषय Teaching, Learning methods पर बहुत ही सार गर्भित व्याख्यान दिया। जिसमें आज के समय में Teaching एवं Learning के सामने आ रही चुनौतियां एवं उनके समाधान पर आधारित विवेचन रखा l
आज के तीसरे सत्र में डा. महेंद्र प्रसाद, सह- आचार्य, क्रिया शारीर, राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, जयपुर द्वारा इन्द्रिय जैसे – कठिन विषय को बहुत ही सहज रूप में समझाया। उन्होनें कर्मेंद्रिय एवं ज्ञानेंद्रिय के मध्य के अंतर को वैज्ञानिक तरीके से समझाया। सभी प्रतिभागियों ने सभी विषय विशेषज्ञों के विचारों को बहुत ही ज्ञान वर्धक बताया तथा सभी सत्रों की प्रशंसा की ।
कार्यक्रम का डा. भानू प्रताप सिंह शेखावत सहायक आचार्य, डा. रश्मि गुरव, सहायक आचार्य क्रिया शारीर विभाग ने सफलता पूर्वक संचालन किया ।
कार्यक्रम के सचिव डा. सी. आर. यादव ने विभागीय अध्येताओं एवं विभागीय कर्मचारियों के योगदान को भी सराहा । विभाग के संकाय सदस्य डा. रश्मी गुरव, पी. जी. अध्येता डा. नैना, डा. प्रियलक्ष्मी तथा समस्त स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष के अध्येताओं ने कुल 10 पुस्तकें विभागीय पुस्तकालय को भेट की गई l