नगर निगम बना अनुकंपा नियुक्ति में धांधली का बड़ा अड्डा

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पिता के जिंदा होते हुए दूसरे मृतक सफाई कर्मचारी का मृतक आश्रित बन पाई नौकरी

न्याय स्तंभ की पड़ताल जारी, कई बड़े मामले होंगे उजागर


जयपुर 21 अगस्त (न्याय स्तंभ) नगर निगम में फर्जी अनुकंपा नियुक्तियों का खेल बड़े धूमधाम से चल रहा है। बरसों से चल रहे इस खेल में कई अधिकारी बदले, कई सरकारें बदल गई। वहीं फर्जी नौकरियां लगे लोग भी रिटायर्ड हो गए। लेकिन आज तक ऐसी नौकरियों को करने वाले या फर्जी नौकरी लगाने में सहयोग करने वाले अधिकारी और कर्मचारियों की कोई जांच या कार्रवाई नहीं हुई। अभी कुछ दिनों पहले ही एक सामाजिक कार्यकर्ता ने जयपुर नगर निगम में मृतक आश्रितों के नाम पर गलत तरीके से सरकारी नौकरी लगाने का काले खेल को उजागर किया था। जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री सहित अन्य लोगों को पत्र लिखकर अधिकारियों और कर्मचारियों की मिली भगत से सैकड़ों लोगों की नगर निगम में फर्जी अनुकंपा नियुक्ति को लेकर शिकायत की थी।


4 से 5 लाख में बिक रही अनुकंपा नौकरियां
अपनी शिकायत में सामाजिक कार्यकर्ता ने यह भी बताया था कि नगर निगम में फर्जी प्रमाण पत्रों के माध्यम से झूठे गोदनामे से लेकर दत्तक पुत्र के फर्जी दस्तावेज तैयार हो रहे हैं। उन्होंने अपने पत्र में आरोप लगाते हुए लिखा था कि केवल 4 से 5 लाख रुपए लेकर मृतक आश्रितों की नौकरी को बेचा जा रहा है।


मामला सबके संज्ञान में लेकिन कोई कार्रवाई नहीं
अभी कुछ दिनों पहले ही हेरिटेज निगम में स्वास्थ्य निरीक्षक के पद पर कार्यरत कमल चंद के बेटे शाहुल की फर्जी दस्तावेज से अनुकंपा नियुक्ति लेने का मामला सामने आया था। जिसमें शाहुल कुमार को उंगता देवी का दत्तक पुत्र बनाकर नौकरी लगवा दी गई थी जबकि नगर निगम को मिली शिकायत में उंगता देवी का असली बेटा पहले से ही सरकारी कर्मचारी है। मामले की शिकायत मिलने के बाद नगर निगम हेरिटेज के कमिश्नर अभिषेक सुराणा ने मुस्तैदी दिखाते हुए प्रकरण में जांच के निर्देश दिए थे। लेकिन आज तक ना तो शाहुल कुमार पर कोई कार्रवाई की गई और ना ही उसको नौकरी लगवाने वाले अधिकारियों के खिलाफ जांच बिठाई गई। जबकि शाहुल कुमार ने इस मामले में अपना बचाव करते हुए कहा था कि मैं कम पढ़ा लिखा हूं शायद दस्तावेज बनाने वाले व्यक्ति से ही कोई गलती हो गई होगी। जब शाहुल ने ही अपने दस्तावेज को लेकर स्वीकार कर लिया कि कहीं तो कोई गलती हुई है फिर भी नगर निगम प्रशासन को कार्रवाई करने में इतनी देर क्यों लग रही है।


फर्जी अनुकंपा नियुक्तियों के और भी कई मामले
जयपुर के दोनों नगर निगम चाहे वो ग्रेटर हो या हेरिटेज सब जगह सफाई कर्मचारियों की अनुकंपा नियुक्ति में बड़ा फर्जीवाड़ा हो रहा है। कहीं अपने पिता के जिंदा रहते किसी दूसरे मृतक कर्मचारी का बेटा बन कर नौकरी कर रहा है। ऐसे ही मामले एक जगतपुरा जोन और दूसरा हवामहल जोन का सामने आया है जिसमें अपने पिता के होते हुए किसी दूसरे मृत कर्मचारी के नाम से नौकरी ली गई है। वहीं सूत्रों से ये भी पता चला है कि नगर निगम हेरिटेज में कार्यरत एक कर्मचारी की बीवी ने पैसे देकर अपने लिए अनुकंपा नौकरी खरीदी है। बताया जा रहा है कि उस महिला का पति सफाई कर्मचारी यूनियन में बड़ा पद लेकर बैठा है। इन सब प्रकरणों को लेकर न्याय स्तंभ की पड़ताल जारी है जिसमें कई ऐसे मामले उजागर होंगे जो की सरकार और मृत आश्रितों को धोखा देकर सरकारी नौकरी कर रहे हैं।



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