गहलोत सरकार अब तक की सबसे भ्रष्टतम सरकार-शेखावत

163

जयपुर 24 जून 2023 (न्याय स्तंभ) केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने शुक्रवार को राज्य की गहलोत सरकार पर जोरदार हमला बोलते हुए उसे आजादी के बाद से लेकर अब तक की सबसे भ्रष्टतम सरकार बताया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि तुष्टिकरण की नीति के चलते इस सरकार ने प्रदेश को दंगों की आग में धकेला और बहुसंख्यक समाज की भावनाओं को चोट पहुंचाई है।

शेखावत ने पटना में आयोजित विपक्षी दलों की बैठक को लेकर भी टिप्पणी की कि यह भानुमति का कुनबा है, देखते है कब तक चलता है।

शेखावत ने कहा कि इस सरकार के विधायकों ने भ्रष्टाचार के नए बैंचमार्क स्थापित किए हैं। पूरी सरकार भ्रष्टाचार में डूबी हुई है। ये आरोप हम लगाते तो शायद यह राजनीतिक टिप्पणी होती, लेकिन सरकार के विधायकों ने सदन के प्लेटफॉर्म पर खड़े होकर ये टिप्पणियां की है। सरकार में मंत्री का दर्जा प्राप्त लोगों ने साथी मंत्रियों पर इस तरह की टिप्पणियां की है। केबिनेट में साथ काम कर रहे मंत्रियों ने भी सरकार के भ्रष्टाचारी होने पर मोहर लगाई है।

ये तो पोस्टर है, पिक्चर बाकी है
उन्होंने कहा कि भाजपा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने जिस तरह इस सरकार के खिलाफ सबूतों के साथ भ्रष्टाचार के आंकड़े उजागर किए हैं। ये मात्र इस सरकार के भ्रष्टाचार का पोस्टर है। अभी पूरी पिक्चर बाकी है। सीएम के सलाहकार ने सदन में एक मंत्री पर आरोप लगाया था कि उन्होंने पचास करोड़ का घोटाला किया। इसके बाद भी सरकार के मुखिया निर्लज्ज होकर स्वच्छ प्रशासन की बात करते हैं।

सरकारी मशीनरी का राजनीतिक लाभ के लिए दुरूपयोग
केन्द्रीय मंत्री ने राज्य सरकार पर सरकारी जांच एजेंसियों का राजनीतिक लाभ के लिए दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इससे राजस्थान की जनता क्षुब्ध है। सरकार उनके खिलाफ राजद्रोह और एसीबी में भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज करती है। इस आधार पर चरित्र हनन शुरू हो जाता है और बीस दिन बाद सरकार अदालत में कहती है कि हमने राजद्रोह का मामला गलत दर्ज कर लिया? इसी प्रकार दूसरे मुकदमे में अदालत यह टिप्प्णी करती है कि अभियोजन अपने हितों के लिए अदालत को यंत्र बनाना चाहता है, जिसकी इजाजत नहीं दी जा सकती। अदालत के इस फैसले के एक सौ एक दिन बाद सरकार फिर जागती है और रिवीजन पिटीशन लगाती है? वह भी तब जब अदालतों में ग्रीष्मकालीन अवकाश था और अवकाशकालीन जज के पास एप्लीकेशन लगाई गई। सवाल यह है कि सरकार इतने दिन तक क्या कर रही थी? यह सरकारी एजेंसियों के दुरूपयोग का क्लासिक उदाहरण है।

महिला अत्याचार के नित नए आंकड़े सामने आ रहे

उन्होंने कहा कि राजस्थान में महिला अत्याचार के नित नए आंकड़े सामने आए हैं। डेल्टा मेघवाल के समय में कांग्रेस के युवराज और युवराज्ञी जिस तरह से बिहेव कर रहे थे, आज बीकानेर के खाजूवाला और डूंगरपुर में बालिकाओं के साथ अमानवीय व्यवहार होने के बाद भी उनकी जबान पर ताला क्यों लगा हुआ है? मुख्यमंत्री की निगाहें उस तरफ क्यों नहीं जाती?



न्याय की अवधारणा को सशक्त बनाने हेतु समाचार पत्र न्याय स्तम्भ के माध्यम से एक अभियान चलाया जा रहा है। आइए अन्याय और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने के लिए आप भी हमारा साथ दीजिये। संपर्क करें-8384900113


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *